
गर्मियों की तपिश दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और इसके साथ-साथ लोगों की परेशानियां भी। उत्तर भारत के राज्यों में जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसे ही घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर की जरूरत बढ़ गई है। लेकिन इनका लगातार इस्तेमाल बिजली के भारी-भरकम बिल का कारण बनता है, जो मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों की जेब पर सीधा असर डालता है।
बिजली बिल की मार से अब मिलेगी राहत
इन्हीं परेशानियों को देखते हुए देश के कई राज्य सरकारों ने आम जनता को राहत देने के लिए बिजली बिल माफी या सब्सिडी की योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का मकसद है कि कोई भी परिवार सिर्फ इस डर से पंखा या कूलर बंद न करे कि महीने के अंत में बिजली का बिल हजारों में आ जाएगा। खासकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लोगों को बिजली से जुड़ी बड़ी राहत दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश में पुराने बिल माफ करवाने का मौका
उत्तर प्रदेश सरकार ने खासतौर पर गरीब और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल माफी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत वे उपभोक्ता जिनका बिजली बिल लंबे समय से बकाया है या जिनका बिल बहुत ज्यादा हो गया है, अब आवेदन करके उसे माफ करवा सकते हैं। यह योजना उन परिवारों के लिए बेहद राहत देने वाली साबित हो रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिजली के बढ़ते खर्च को संभाल नहीं पा रहे थे।
मध्य प्रदेश में सरल बिजली बिल और संबल योजना का असर
मध्य प्रदेश में भी जरूरतमंदों को राहत देने के लिए योजनाएं सक्रिय हैं। संबल योजना और सरल बिजली बिल योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि गरीब और मजदूर वर्ग के लिए बिजली अब बोझ नहीं रहेगी। जिन उपभोक्ताओं का बिल ₹1000 तक होता है, उन्हें केवल ₹200 चुकाने होते हैं और बाकी राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के तौर पर कवर कर दी जाती है। इससे आम परिवारों का बिजली खर्च काफी हद तक कम हो गया है।
राजस्थान में 150 यूनिट तक फ्री बिजली की सुविधा
राजस्थान सरकार ने अपने घरेलू उपभोक्ताओं को एक और बड़ी राहत दी है। अब राज्य में 150 यूनिट तक बिजली मुफ्त में दी जा रही है, जबकि पहले यह सीमा 100 यूनिट थी। इसका फायदा उन परिवारों को मिल रहा है जो सीमित उपयोग के साथ बिजली चलाते हैं। खास बात यह है कि इसके लिए किसी भी तरह के अलग आवेदन की जरूरत नहीं होती। बिलिंग सिस्टम अपने आप इसे लागू कर देता है, जिससे बिजली बिल पर आने वाली रकम शून्य हो जाती है।

क्यों जरूरी हैं ये योजनाएं?
बढ़ती महंगाई और गर्मी की मार ने आम आदमी की ज़िंदगी को पहले ही चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ऐसे में जब बिजली जैसे बुनियादी संसाधन का खर्च भी बढ़ जाए, तो यह स्थिति और भी कठिन हो जाती है। सरकार द्वारा शुरू की गई ये योजनाएं न सिर्फ आर्थिक बोझ कम करती हैं, बल्कि लोगों को राहत और सुरक्षा का एहसास भी कराती हैं। खासकर वृद्धजनों, महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं।
सकारात्मक बदलाव और सामाजिक असर
इन योजनाओं का सबसे बड़ा असर यह देखने को मिला है कि अब गरीब परिवार बिना किसी डर के बिजली का उपयोग कर पा रहे हैं। पंखा, कूलर और जरूरी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल से उनका जीवन स्तर सुधर रहा है। इसके अलावा, बिजली चोरी में भी काफी कमी आई है क्योंकि अब उपभोक्ता कानूनी तरीके से बिजली कनेक्शन लेना ज्यादा बेहतर समझते हैं।
